किसी सफल व्यक्ति की जीवनी से उनके विद्यार्थी जीवन की दिनचर्या के बारे में पढ़ें और सुव्यवस्थित कार्यशैली पर एक लेख लिखें।


देश के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का बचपन बेहद तकलीफों भरा रहा है। उनका पूरा नाम अबुल पाकिर जैनुलाअबदीन अब्दुल कलाम है जिन्हें पूरी दुनिया 'मिसाइल मैन' के नाम से जानती है। रामेश्वरम (तमिलनाडु) में जन्मे अब्दुल कलाम एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनके पास इतना पैसा नहीं था कि वे एक अच्छे स्कूल में दाखिला ले सकें। लेकिन कामयाबी को छूने की ललक ने पहले उन्हें इस देश का एक सफल वैज्ञानिक बनाया और बाद में राष्ट्रपति।


बचपन में जब उनके पास पढ़ने के पैसे नहीं थे तब वे घर-घर जाकर अखबार बेचा करते थे। इससे हुई कमाई को वह अपनी शिक्षा पर खर्च करते थे। उनका जीवन इतना बदहाली मे कट रहा था कि घर में रोशनी के लिए एक बल्ब तक नहीं था। तब कलाम स्ट्रीट लाइट की रोशनी में जाकर पढ़ाई किया करते थे। बचपन में पक्षियों को आसमान में उड़ते देखने के शौकीन कलाम आगे चलकर एयरोनॉटिकल इंजीनियर बने। साल 2002 में कलाम देश के राष्ट्रपति चुने गए। पांच वर्ष का कार्यकाल समाप्त होने के बाद वह शिक्षा, लेखन और सार्वजनिक सेवा के अपने नागरिक जीवन में लौट आए। सच्ची लगन के साथ देश की सेवा करने वाले कलाम को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।


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